हमारे (तथाकथित) आदर्श

हमारे देश की दुर्दशा के लिए आज की पीढी की आत्म केन्द्रित सोच और उनका भौतिकवादी रवैया जिम्मेदार है, पर क्या किसी ने यह सोचने की जहमत उठाई है कि इस रवैये के लिए क्या कारण उत्तरदायी हैं? इसके लिए उत्तरदायी हैं हमारे तथाकथित आदर्श। कांग्रेस मे उच्च पद पर एक कमजोर चरित्र के व्यक्ति को बिठा कर देश के लिए जो मानदण्ड स्थापित किए उसका प्रतिफल ऐसा ही सामने आना था।

नीचे दिए चित्रों को देखें और तुलना करें चन्द्रशेखर आजाद जी से जिन्होने एक महिला से दुर्वय्वहार के आरोप मे अपने सेना के एक सदस्य को मौत की सज़ा सुनाई थी।



4 comments:

  1. काश ये बात हिंदुस्तान का हर आदमी समझता काश ये राजनेता समझते तो देश का ये हाल न होता!!
    बहुत अच्छा प्रयास है आपके! बधाई हो आपको!!!

    ReplyDelete
  2. शर्मा जी ,

    इन्ही तथाकथित आदर्शों ने ही हमारे देश की प्राचीन गौरवमयी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करके रख दिया जो आज भी जारी है |

    ReplyDelete
  3. हाय!
    क्या हो रहा है मैं अपना पुराना बलोग बदल गया है?
    आप नीचे मेरी नई टिप्पणी है

    और Plz मुझे एक नई टिप्पणी दे आपकी याद आती है.

    मेरा नया बलोग है ... ..
    .
    .
    .
    .
    .
    .http://smshindi-smshindi.blogspot.कॉम

    "आगे "

    दम हैं नई टिप्पणी दे


    मिस करने के लिए...............आपका सोनू

    ReplyDelete