लुटेरे

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  1. लाल कृष्ण आडवाणी ने भारत-अमरीका परमाणु संधि के बारे में अपनी पार्टी के सख्त रुख को गंभीरता से न लेने की सलाह दी और भरोसा दिलाया कि अगर बीजेपी सत्ता में आ जाती है तो परमाणु समझौते पर फिर से कोई विचार नहीं किया जाएगा . चार्ज ड अफ़ेयर्स ने इस बात को जोर देकर लिखा है कि श्री आडवाणी ने स्वीकार किया कि बीजेपी ने जुलाई २००८ में सार्वजनिक रूप से कहा था कि समझौते से भारत की सामरिक स्वायत्तता कमज़ोर हुई है और सत्ता में आने पर उनकी पार्टी उस संधि का पुनर्परीक्षण करेगी. चार्ज ड अफ़ेयर्स का दावा है कि लाल कृष्ण आडवाणी ने साफ़ कहा कि वह बयान देश की आन्तरिक राजनीति की ज़रूरतों को ध्यान में रख कर दिया गया था. सत्ता में आने पर बीजेपी ऐसा कुछ नहीं करेगी.
    http://sheshji.blogspot.com/2011/03/blog-post_26.html

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