कांग्रेसी नेता इस बात का जी तोड़ प्रयत्न कर रहे हैं कि किसी प्रकार से सत्ताधारी परिवार (दल नही परिवार) की छवि गरीबों के हितैषी के रूप मे सामने आए, इसके लिए वो छल छद्म प्रपंच इत्यादि का सहारा लेने से भी नही चूकते। इसकी जोरदार मिसाल आपको नीचे के चित्र मे मिल जाएगी
yahi to rahul ki rajniti
ReplyDeleteढोंगी युवराज..अच्छा नाम है.
ReplyDeleteVery good Interpretation of the photograph
ReplyDeleteढोंगी युवराज की तो छोडिये, क्यूंकि वो तो ढोंगी है. पर जनता ने तो अपनी आँख पे पट्टी बाँध रक्खी है...
ReplyDelete.
ReplyDeleteकमाल की तस्वीर है. इसे ही कहते हैं फोटो पत्रकारिता.
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इसे देखकर कुछ कहावत और मुहावरे याद आये :
ढोल की पोल.
हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और
रंगा सियार.
कौआ चला हंस की चाल..या
मोरपंख लगाकर कोई कौवा मोर नहीं हो जाता.
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